STORYMIRROR

यार गुलाम होने दो अपमान न होने देंगे "कुछ न होने जैसे इस होने पर तरंगित होना चाहता हूँ" रंगों को मजहब का नाम न दो दिल हाल खंडहर

Hindi न होने दो खंडहर Poems